यह कहानी है नायरा की नायरा एक चुलबुली सी लड़की थी। खुद के उसोलों पर चलने वाली लड़की नायरा की फैमली
में छोटा भाई रोनित और उसकी माँ उर्मिला रहते हैं।
नायरा आज सुबह सुबह किसी पार्टी में जा रही है वो जाना तो नहीं चाहती पर अपनी माँ की जिद्द के आगे वो हार मान
लेती है।
एक आलिशान होटल में एक पार्टी चल रही थी नायरा वहा आती है ।तभी एक भारी साड़ी पेरे एक औरत नायरा के पास आती है दिखने में ठीक ठाक थी पर उसके चेहरे पर उसकी रईसी का घमंड साफ दिखाई दे रहा था।
वो औरत नायरा के पास आती है और बोली, " बिल्कुल लो मिडलक्लास। तुम जैसे लोग भी इस पार्टी में आऐगे मुझे नहीं पता था।"
नायरा उसकी बात सुनकर समाइल करती है उसे कुछ भी कहना जरुरी नहीं समझती। तभी वो औरत दुबारा बोली, " हा याद आया तुम भी अपनी माँ की तरह ही किसी अमीर इंसान को फसाने आयी होगी अपनी खुबसूरती के जाल में।"
उसकी बात सुनकर नायरा हस्ते हुए बोली, "ओ तो यह बात कह भी कौन रहा है। वो जिसने खुद किसी शादीशुदा इंसान के साथ चक्कर चलाया वो भी तब जब उसकी शादी किसी और के साथ हो गई थी खुद किसी की रखैल बनकर रहने वाली आज मुझे ताने मार रही है। ये आप पर सुट नहीं करता है पहले खुद के गिरबान में झाँकने की जरूरत है आपको।"
"नायरा ये क्या बकवास कर रही हो तुम" एक आदमी गुस्से में कहता है।
नायरा पिछे मुडकर देखती है तो उसके डेड उदय मितल उसके सामने खड़े थे। नायरा फिर से हस्ती हुई बोली, " ओ तो मिस्टर मितल को बुरा लग रहा है। पर क्या करे जो सही है उसको कोई नहीं बदल सकता।"
"नायरा तुम भुल रही हो तुम किससे बात कर रही हो। पापा हु मैं तुम्हारा " उदय नरम लहजे में नायरा से कहता है।
नायरा उनकी ये बात सुनकर गुस्से में आ जाती है उसकी आंखे लाल हो जाती है और बोली, "मेरे कोई पापा नहीं है ये शब्द मेरी लाइफ में है ही नहीं और आप"
नायरा उदय की और अगुली करते हुए बोली, " आप तो कभी भी किसी के पापा कहलाने लायक ही नहीं हो। में यहाँ दादा जी के बुलाने पर आयी हु। तो आप ये जबरदस्ती के रिश्ते मुझ पर ना सौपे।"
नायरा इतना कहकर वहा से चली जाती है। वही कामिनी उदित की पत्नी नायरा की बात सुनकर गुस्से में तिलमिला जाती है
वो खुद मन ही मन कहती , "आज का दिन तु कभी नहीं भुलेगी अपनी लाइफ में कभी नहीं।"
नायरा वहा से अपने दादा के पास जाती है। दादा उसको देख बहुत खुश होते हैं। "हैप्पी बर्थडे दादा जी कैसे हो आप" नायरा खुशी से उनके गले मिलते हुए बोली।
दादा जी बोले, "में ठीक हु बैटा तुम कैसी हो। और रोनित और तुम्हारी माँ नहीं आए। "
"नहीं दादु वो नहीं आए रोनित हास्टल में है और माँ की तबियत ठीक नहीं थी इसलिए नही आ पायी। "